‘गोली’ – हिन्दी भाषा के महान उपन्यासकार आचार्य चतुरसेन शास्त्री की रचित सभी सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में से एक यह उपन्यास है। इसमें शास्त्री जी ने राजस्थान के राजा-महाराजाओं और उनके महलों के अंदरूनी जीवन को बड़े ही रोचक, मार्मिक तथा मनोरंजन तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया है। इस उपन्यास के ‘गोली’ नाम से दासियों के संबंधों को उकेरते हुए समकालीन समाज को रेखांकित करना ही इस उपन्यास का सार है। जिसकी वजह से ‘गोली’ को हमेशा एक प्रामाणिक दस्तावेज माना गया और इसकी भाषा शैली के कारण इन्हें अद्भुत लोकप्रियता मिली और यह जन साहित्यकार भी बने।
‘गोली’ यह एक बदनसीब दासी की करुण-व्यथा की दास्तां है। जिसे जिन्दगीभर एक राजा की वासना का इस कदर शिकार होना पड़ता है कि उसका वैवाहिक जीवन इस कदर बर्बाद और डर के सायें में होता है कि उसे उसका जीवनसाथी भी छूने का साहस नहीं करता है।
‘गोली’ यह एक बदनसीब दासी की करुण-व्यथा की दास्तां है। जिसे जिन्दगीभर एक राजा की वासना का इस कदर शिकार होना पड़ता है कि उसका वैवाहिक जीवन इस कदर बर्बाद और डर के सायें में होता है कि उसे उसका जीवनसाथी भी छूने का साहस नहीं करता है।
Język Hinduski ● Format EPUB ● ISBN 9789354621840 ● Rozmiar pliku 0.7 MB ● Wydawca True Sign Publishing House ● Opublikowany 2023 ● Do pobrania 24 miesięcy ● Waluta EUR ● ID 9024236 ● Ochrona przed kopiowaniem Adobe DRM
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